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Note: This post has been written by a WazirX Warrior as a part of the “WazirX Warrior program.”
2009 में कई तकनीकों का इस्तेमाल करने के बाद बिटकॉइन को बनाया गया।बिटकॉइन की तकनीक पूरी तरह से विकेन्द्रीयकृत हो और कोई इसे नियंत्रित न कर पाए इस बात का खास ख्याल रखा गया।आज करीब 11 वर्ष बाद भी बिटकॉइन की तकनीक वैसे ही काम कर रही है जैसे आज से 11 साल पहले। बहुत कम कीमत से आज बिटकॉइन 28,000 डॉलर तक पहुंच गया और सबसे शक्तिशाली मुद्रा भी बन गया। आज दुनिया के हर देश में सरकार के नियम या बिना नियमों के भी बिटकॉइन का लेनदेन होता है।कुछ लोग बिटकॉइन को मुद्रा की तरह मानते हैं और कुछ नहीं। कुछ देश की सरकारें या कुछ लोगों का यह भी कहना है की बिटकॉइन को बनाने का उद्देश्य सरकारों के हाथ से मुद्रा का नियंत्रण छीनना है। जिन देशों में आज तक बिटकॉइन लीगल नहीं हुआ वहां पर बिटकॉइन को स्थानीय मुद्रा के लिए संकट माना जा रहा है। बिटकॉइन के बारे में कम जानकारी होना इसका एक बहुत बड़ा कारण है।बिटकॉइन की तकनीक को गहराई से समझा जाए तो हम यह देखते हैं की बिटकॉइन किसी भी तरह से किसी भी देश की स्थानीय मुद्रा के लिए खतरा नहीं है।
किसी भी देश की मुद्रा को बनाने के पीछे एक सबसे बड़ा कारण इस मुद्रा से अपने लेनदेन को पूरा करना होता है। यह स्थानीय मुद्रा पूरी तरह से सरकार के नियंत्रण में होती हैं। इस मुद्रा के आधार पर ही देश में दी जाने वाली सेवाओं की कीमत निर्धारित होती है। किसी भी वस्तु पर उस देश की मुद्रा में कीमत लिखी जाती है और इसी आधार पर टैक्स की गणना भी होती है। मुद्रा की कीमत स्थिर होती है यानि क्रिप्टो की तरह इसमें उतार चढ़ाव नहीं होते। अगर हम बिटकॉइन को देखें तो इसकी सबसे बड़ी बात इसका किसी के नियंत्रण में न होना है।बिटकॉइन की कीमत को कोई नियंत्रण नहीं कर सकता और यह मांग और आपूर्ति के हिसाब से बढ़ता और घटता रहता है। बिटकॉइन की कीमत स्थिर न होने के कारण इस से रोजमर्रा की जरूरतों का लेनदेन संभव नहीं है।अगर आज आप इस वस्तु को बिटकॉइन से बेचते हैं तो आपको इसका फायदा और नुक्सान हो सकता है जबकि पैसे का स्थिर होना इस समस्या को खत्म करता है। बिटकॉइन की कीमत इतनी ज्यादा है की इस से छोटी चीजों को खरीदना बहुत महंगा हो सकता है-उदहारण के तौर पर आप बिटकॉइन से अगर 50 रुपए की कोई वस्तु खरीदते हैं और इसे ट्रांसफर करने के लिए आपको 10 रुपए की फीस देनी पड़े तो वह वस्तु 20% महंगी हो जाएगी। बिटकॉइन की ट्रांजक्शन फीस आम लेनदेन के लिए एक मुश्किल खड़ी करती है, इसके लिए स्थिर मुद्रा ही सही है।
भविष्य में बिटकॉइन की कीमत और ज्यादा ऊपर जाएगी और ऐसे में आम लेनदेन बिटकॉइन से और ज्यादा मुश्किल हो जाएगा। बिटकॉइन की कुल संख्या दो करोड़ दस लाख है और यह भी एक बड़ा कारण है की इस से सारी दुनिया के लेनदेन को पूरा करना संभव नहीं होगा।जैसे जैसे यह ज्यादा लोगों के हाथों में जाना शुरू होगा इसकी कीमत और ज्यादा बढ़ती जाएगी। इन बातों से यह तो साफ है की बिटकॉइन कभी भी किसी देश की मुद्रा के लिए खतरा नहीं हो पाएगा क्योंकि जनता आम लेनदेन को पूरा करने के लिए हमेशा स्थानीय मुद्रा पर ही निर्भर रहेगी।
निवेश के लिए बिटकॉइन सबसे बेहतर
अगर हम निवेश की बात करें और निवेश से कम समय में बड़े मुनाफे की बात करें तो बिटकॉइन से बेहतर कुछ नहीं हो सकता। यह बात बिटकॉइन ने पिछले कुछ वर्षो में सिद्ध की है।बिटकॉइन में निवेश पर एक नज़र डालें तो वर्ष 2010 में अगर एक डॉलर का बिटकॉइन किसी ने लिया होगा तो उसे करीब 333 बिटकॉइन मिला होगा।एक डॉलर दस साल पहले अगर 70 रुपए का भी मान ले तो आज 333 बिटकॉइन की कीमत 56 करोड़ रुपए होगी। अब अगर हमने 10,000 रुपए सोने में, इतना ही पैसा बैंक में फिक्स डिपाजिट में डाला होता तो बैंक हमे दो गुना फायदा देता और सोने में हमें करीब 60% का ही फायदा हुआ होता जबकि बिटकॉइन में अगर इतना पैसा लगाया होता तो यह कितने गुणा होता इसका हिसाब लगाना भी कठिन है। अगर हम बहुत पीछे न भी जाएं और इस वर्ष की ही बात करें तो जनवरी में एक बिटकॉइन की कीमत 6800 डॉलर थी। अगर किसी ने जनवरी में एक बिटकॉइन ख़रीदा होता तो साल के अंत में उसका निवेश तीन गुणा से ज्यादा हो जाता जबकि बैंक 7 से 8% की मुनाफा देता और सोने में भी इतना ही फायदा हुआ है।
कोरोना के समय में हमने पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था चलाने वाले कच्चे तेल की कीमत को जीरो होते हुए देखी और इसी समय बिटकॉइन को नई ऊचाइयों पर जाते हुए देखा। बिटकॉइन को सुरक्षित निवेश मानते हुए दुनिया की बड़ी कंपनियों जैसे की ग्रेस्केल,माइक्रोस्ट्रेट्जी और बाकि कंपनियों ने बिटकॉइन में निवेश किया। बिटकॉइन में किसी भी समय निवेश सही है यह सिद्ध किया इन कंपनियों ने जब माइक्रोस्ट्रेट्जी ने 19000 डॉलर और फिर 21000 डॉलर पर भी करोड़ो का निवेश किया। दुनिया की सरकारें बिटकॉइन को मुद्रा के तौर पर मान्यता न दे लेकिन इसे निवेश के तौर पर मान्यता देने के लिए उन्हें सोचने की जरुरत है। एक ऐसा निवेश जो बड़े उद्योगिक घरानो के लिए न हो कर आम जानत के लिए भी हो ताकि वह भी इस से मुनाफा कमा सके। ऐसा अनुमान है की बिटकॉइन आने वाले वर्षो में कीमत के नए रिकॉर्ड बना सकता है और ऐसे में सरकारों को इस बात से नहीं डरना चाहिए की बिटकॉइन देश की मुद्रा के लिए खतरा है बल्कि यह देखना चाहिए की बिटकॉइन उनके देश के कॉर्पोरेट जगत और जनता के लिए निवेश का एक बेहतर विकल्प है।इस से सरकार को बडी मात्रा में टैक्स भी मिलेगा।