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Note: This post has been written by a WazirX Warrior as a part of the “WazirX Warrior program“.
सन 2009 में सातोशी नाकामोटो ने विकेन्द्रीयकरण पद्धति को अपनाते हुआ बिटकॉइन का निर्माण किया।सातोशी का मानना था की मुद्रा को सभी तरीके से स्वतंत्र रख कर ही सही तरीके से हम इसका पूर्ण लाभ ले सकते हैं और इसकी कीमत के उतार चढ़ाव को स्वतंत्र रूप से बढ़ने और घटने दे सकते हैं।बिटकॉइन की कीमत मांग और आपूर्ति पर निर्भर करती है,सातोशी ने तकनीक का इस्तेमाल करके इसकी आपूर्ति को तो पूरी तरह से व्यवस्थित कर दिया माइनिंग के द्वारा लेकिन इसकी मांग को व्यवस्तिथ करना उनके हाथ में नहीं था।बिटकॉइन की तकनीक बिना दोष के पिछले 10 सालों से सफल तरीके से चल रही है और भविष्य में भी इसमें किसी तरीके से कोई खराबी आने की सम्भावना नहीं है हालांकि धीमी ट्रांजक्शन की रफ़्तार जिसे स्केलिंग भी कहते हैं यह समस्या इसमें जरूर है लेकिन यह कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं है बिटकॉइन जैसी तकनीक के लिए।हर चार साल के बाद बिटकॉइन की आपूर्ति आधी रह जाती है और यह तब तक होता रहेगा जब तक सभी बिटकॉइन माइनिंग हो कर बाज़ार में नहीं आ जाते।
यहाँ विषय की गंभीरता इस बात को देखने की है की बिटकॉइन की मांग को कैसे बढ़ाया जाए क्योंकि बिटकॉइन की कुल संख्या मात्र 2.10 करोड़ है और अभी तक 75% से अधिक बिटकॉइन माइनिंग हो कर बाजार में आ चूका है और इसमें से भी करीब 30% हमेशा के लिए ब्लॉक हो चूका है अलग अलग कारण से।अब बाकि बचे बिटकॉइन की बात करें तो बड़ी तादाद में बिटकॉइन कुछ बड़े वॉलेट्स में रखा हुआ है यानि की बिटकॉइन के अधिकतर हिस्से पर कुछ ही लोगों का नियंत्रण है और यही एक गंभीर समस्या है बिटकॉइन के लिए।कुछ खास लोगों के नियंत्रण में बिटकॉइन का होना इसकी कीमत को हमेशा प्रभावित करता है और भविष्य में भी इस बात की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता की यही बड़े बिटकॉइन होल्डर बिटकॉइन की कीमत को ऊपर ले जाने और निचे लाने का मुख्य कारण होंगे।
हम क्रिप्टो बाजार में अक्सर बड़े बिटकॉइन होडर्स को व्हेल के नाम से जानते हैं और यही व्हेल जब अपने बिटकॉइन को एक वॉलेट से दूसरे वॉलेट में ले जाते हैं तो बाजार में एक डर पैदा हो जाता है की यह या तो कीमत को ऊपर ले जाने के लिए किया गया होगा या निचे गिराने के लिए।आज अगर बाजार में दो से तीन हज़ार बिटकॉइन की बड़ी खरीद फरोख्त हो जाए तो कीमत में अचानक बड़े बदलाव देखे जा सकते हैं,साथ ही अगर कोई बड़ा ब्रांड बिटकॉइन में बड़ा निवेश करता है तब भी कीमत ऊपर जाती है।अगर बिटकॉइन की बड़ी खरीद या बेचने से बचना है तो इसका तरीका है की बिटकॉइन ज्यादा से ज्यादा लोगों के हाथों में हो जो बिटकॉइन तकनीक और इसके भविष्य को ले कर आश्वस्त हों।ऐसे विश्वास करने वाले बिटकॉइन को अचानक कीमत बढ़ने या गिरने पर बेचेंगे नहीं।जब ज्यादा हाथों में बिटकॉइन होगा तो बड़ी संख्या में बिटकॉइन को बेचने से बचाया जा सकेगा।
बिटकॉइन शिक्षा है जरुरी
बिटकॉइन सिर्फ एक खरीद बेच या ट्रेड की वस्तु नहीं है बल्कि ये एक बहुत ही बेहतर निवेश होने के साथ ही एक बिना दोष की वित्य प्रणाली भी है। यह एक ऐसी तकनीक है जिसकी जानकारी होने पर आने वाले समय में बहुत से बड़े और बहुउपयोगी अविष्कार किए जा सकते हैं इस लिए इस तकनीक और बिटकॉइन की जानकारी लोगों तक पहुंचना बहुत ज्यादा जरुरी है।वज़ीरएक्स एक्सचेंज ने इसके लिए एक ग्रुप बनाया है जिसे वज़ीरएक्स वारियर्स के नाम से जाना जाता है।इस ग्रुप के सदस्यों का काम अपने अपने शहर और देश में क्रिप्टो की जानकारी देना है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को बिटकॉइन और ब्लॉकचेन के बारे में जानकारी हो सके और ज्यादा से ज्यादा नए लोग बिटकॉइन को खरीद कर इस सिस्टम को वह मजबूती दे सकें जिसकी जरुरत बिटकॉइन को है।इस ग्रुप के सदस्य सोशल मीडिया जैसे की ट्विटर,यूट्यूब,टेलीग्राम और साथ ही सीधे तौर पर लोगों के बीच जा कर भी उनको इस विषय की जानकारी दे रहे हैं।
पूरे विश्व की जनसँख्या को देखें और बिटकॉइन की कुल संख्या हों देखें तो बिटकॉइन बहुत आसानी से ज्यादा लोगों के हाथों में पहुंच सकता है।बिटकॉइन की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे बहुत थोड़ी मात्रा में भी ख़रीदा जा सकता है और जानकारी न होने के कारण लोगों को यह लगता है की बिटकॉइन तो अब हमारी पहुंच से बहार हो गया है और आठ लाख रुपयों का बिटकॉइन तो हम नहीं खरीद सकते।बहुत से ऐसे लोग जिन्होंने बिटकॉइन के बारे में सुना है वह यह जानते ही नहीं की वह एक हज़ार,दो हज़ार या पांच दस हज़ार का बिटकॉइन भी खरीद सकते हैं और जिस दिन लोग यह समझ गए और ज्यादा से ज्यादा लोग बिटकॉइन के खरीदार बन गए उस दिन बिटकॉइन की कीमत सही तरीके से बढ़नी शुरू होगी और यह अचानक से निचे नहीं गिरेगी और न ही इसे कोई गिरा पाएगा।
“बिटकॉइन के लिए ज्यादा हाथ और मजबूत हाथ इसे दुनिया का सबसे बेहतर वित्य सिस्टम बना सकते हैं”।