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Note: This post has been written by a WazirX Warrior as a part of the “WazirX Warrior program“.
2009 से आर्थिक क्षेत्र में बदलाव को ले कर एक तकनीक की शुरुआत हुई जिसे हम ब्लॉकचेन और बिटकॉइन के नाम से जानते हैं।बिटकॉइन के जनक सातोशी नाकामोटो को न तो कोई जानता है और न ही किसी ने उन्हें देखा है लेकिन कई तकनीकों के बेजोड़ मेल से सातोशी ने जिस तकनीक और बिटकॉइन को बनाया वह बिना किसी के हस्तक्षेप के पिछले दस सालों से सफलतापूर्व चल रहा है।
दुनिया के कई देशों ने बिटकॉइन को ले कर कानून बनाए और क़ानूनी तौर पर इसका लेनदेन वहां हो रहा है और यहां तक की एटीएम के द्वारा भी आप कई देशों से बिटकॉइन का लेनदेन कर सकते हैं साथ ही वस्तु या सेवाओं के लेनदेन के लिए भी इसका इस्तेमाल हो रहा है।
अगर हम भारत देश की बात करें तो यहां पर बिटकॉइन के बारे में 2013 में पता चलना शुरू हुआ।ज्यादा जानकारी न होने के कारण कुछ लोगों ने इसमें निवेश किया और थोड़ी सी कीमत बढ़ने पर बेच दिया।इसी बीच कुछ लोग जो बिटकॉइन की जानकारी रखते थे उन्होंने मल्टी लेवल मार्किटिंग के द्वारा बिटकॉइन की कुछ योजनाएं शुरू की और इनके कारण बहुत से लोगों ने अपने निवेश का नुक्सान भी किया और इसकी जानकारी भी प्राप्त की।धीरे धीरे इंटरनेट के माध्यम से भारत में क्रिप्टो की जागरूकता पैदा हुई और क्रिप्टो के लेनदेन के लिए क्रिप्टो एक्सचेंज भी भारत में शुरू हुई।
क्योंकि क्रिप्टो एक बहुत नया विषय था और इस बारे में सरकार के पास संपूर्ण जानकारी नहीं थी और न ही क्रिप्टो पर कोई सरकारी कर (टैक्स)था था इस लिए क्रिप्टो पर कोई कानून नहीं बना और 2017 में भारतीय रिज़र्व बैंक ने क्रिप्टो लेनदेन के लिए बैंक की सेवा देने से मना कर दिया।यह एक ऐसा मौका था जब कई क्रिप्टो प्रोजेक्ट बंद हुए और कई क्रिप्टो एक्सचेंज भी बंद हो गई।एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मार्च 2020 में सर्वोच्च न्यायालय ने रिज़र्व बैंक की रोक को अनुचित करार देते हुए इसे हटा दिया।आज कोई भी भारतीय अपने बैंक से क्रिप्टो एक्सचेंज पर पैसा जमा कर सकता है और क्रिप्टो खरीद कर ट्रेड कर सकता है और क्रिप्टो को बेच कर अपने खाते में पैसा ले सकता है।
भारत में बिटकॉइन और क्रिप्टो का भविष्य क्या है?
भारत सरकार ने क्रिप्टो पर कानून बनाने के लिए एक कमेटी का गठन किया था जो अपनी सिफारिशें सरकार को दे चुकी है और इस विषय पर सरकार एक क्रिप्टो बिल नवम्बर में लोकसभा में पेश कर सकती है।
अगर यह बिल बिटकॉइन और क्रिप्टो के पक्ष में आता है तो हम क्रिप्टो के एक नए युग की शुरुआत भारत में देख पाएंगे और उसका कारण है ब्लॉकचेन कि दुनिया में भारतीयों का योगदान।आज भारत के कई आईटी शहर ब्लॉकचेन का हब बन चुके हैं और दुनिया भर के क्रिप्टो प्रोजेक्ट पर भारतीय कंपनिया काम कर रही हैं और सरकार अगर सकारात्मक सोच से साथ बिटकॉइन पर बिल लाती है तो तुरंत लाखों नोकरीया पैदा होगी।दूसरा सबसे बड़ा बदलाव आएगा निवेशक के तौर पर आम जनता में एक विश्वास पैदा होगा और उन्हें बिटकॉइन में निवेश का मौका मिलेगा जो डर रहित होगा यानि उन्हें यह डर नहीं होगा की उनका निवेश गैर कानूनी है।इस से लोगों में एक जागरूकता आएगी और लोग निवेश के इस नए विकल्प को जानेगे और समझेंगे।महिंद्रा ग्रुप और टाटा समूह पहले से ही क्रिप्टो और ब्लॉकचेन की दुनिया में प्रवेश कर चुका है।हाल ही में सुभाष चंद्र गर्ग ने भी यह माना है कि सरकार कॉमोडिटी यानि शेयर ट्रेडिंग की तरह बिटकॉइन को मान्यता दे सकती है।अगर इस दिशा में सही काम हुआ तो भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में भी बिटकॉइन की ट्रेड को देख पाएंगे और निवेश के तौर पर बैंक भी बिटकॉइन में निवेश करने की सुविधा दे सकते हैं।इस बारे में टाटा समूह पहले ही घोषणा कर चुका है।बिटकॉइन को क़ानूनी मान्यता देने से भविष्य में सरकार को इसकी ट्रेडिंग से बहुत बड़े स्तर पर टैक्स भी प्राप्त होगा।जब बिटकॉइन को आसानी से बैंक या एक्सचेंज से ख़रीदा जा सकेगा तो जो सबसे बड़ा फायदा होगा वह यह होगा की निवेशकों को सही कीमत पर बिटकॉइन मिल सकेगा और कालाबाज़ारी करने वालों पर पूर्ण रोक लग जाएगी।
भविष्य में बिटकॉइन तकनीक पर स्कूल और कॉलेज में अगर शिक्षा दी जाए तो शुरू से ही बच्चे इस विषय को समझ पाएंगे और इस दिशा में अपना भविष्य भी बनाने की सोच पाएंगे क्योंकि बिटकॉइन,क्रिप्टो और ब्लॉकचेन भविष्य की तकनीक है और भारत सरकार का सही निर्णय इस क्षेत्र में भारतीयों को बहुत आगे ले जा सकता है और यह बात दुनिया के बड़े क्रिप्टो ब्रांड भी जानते हैं कि भारत में क्रिप्टो का भविष्य बहुत उज्वल है यही कारण है कि भारत में निवेश करने के लिए कई बड़े क्रिप्टो प्रोजेक्ट पहले से ही तैयार है।हाल ही में बाइनेंस ने IMAI की सदस्यता ली है जिसके पीछे उनका उदेश्य भारत सरकार को बिटकॉइन और क्रिप्टो के बारे में सही मागदर्शन करना है ताकि सरकार इस विषय पर सही निर्णय ले सकें।
किसी भी विषय को जानने के लिए सबसे जरुरी है उस विषय पर शिक्षा और ज्ञान होना और क्रिप्टो जैसे विषय पर सही जानकारी दे कर इस क्षेत्र में नए उद्योगपति उभरने की प्रबल संभावनाएं हैं।यह एक ऐसा समय है जब क्रिप्टो की दुनिया में अगर भारत और भारत वासियों को सही जानकारी,मार्गदर्शन,सहयोग और सही दिशा दे दी जाए तो डिजिटल भारत का पूरी दुनिया में नाम हो सकता है और भारतीयों को एक एक नई ओद्योगिक क्रांति में आगे बढ़ने का अवसर मिल सकता है।